Mahila helpline number (महिला हेल्पलाइन नंबर): महिला हेल्पलाइन नंबर एक तरह का समाज सेवा है जो महिलाओं को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सहायता प्रदान करता है। यह एक मुफ्त सेवा है जो महिलाओं को उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ समस्याओं का समाधान भी प्रदान करता है। आजकल, भारत में महिलाओं को समाज में बढ़ती हुई हिंसा, अत्याचार, उत्पीड़न और भेदभाव से निपटने के लिए इस सेवा की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।
All States Mahila helpline number: महिला हेल्पलाइन नंबर
सेवा का नाम | महिला हेल्पलाइन नंबर |
नंबर | 181 |
सेवा प्रकार | मुफ्त |
समस्याएं | सामाजिक उत्पीड़न, शारीरिक उत्पीड़न, धार्मिक उत्पीड़न, आर्थिक उत्पीड़न, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं और अन्य महिला संबंधित समस्याएं |
उपलब्धता | देशभर में उपलब्ध |
सेवा प्रदानकर्ता | सरकार द्वारा चलाई गई सेवा, राष्ट्रीय महिला आयोग के तहत आधारित |
भारत में, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 है, जो कि देशभर में उपलब्ध है। यह सेवा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है और इसे राष्ट्रीय महिला आयोग के तहत आधारित किया गया है। यह नंबर समस्त भारत में समान रूप से काम करता है और किसी भी विषय पर सहायता उपलब्ध कराता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग हेल्पलाइन – Women Helpline Number
Central Social Welfare Board -Police Helpline | 1091/ 1291, (011) 23317004 |
Shakti Shalini | 10920 |
Shakti Shalini – women’s shelter | (011) 24373736/ 24373737 |
SAARTHAK | (011) 26853846/ 26524061 |
All India Women’s Conference | 10921/ (011) 23389680 |
JAGORI | (011) 26692700 |
Joint Women’s Programme (also has branches in Bangalore, Kolkata, Chennai) | (011) 24619821 |
Sakshi – violence intervention center | (0124) 2562336/ 5018873 |
Saheli – a women’s organization | (011) 24616485 (Saturdays) |
Nirmal Niketan | (011) 27859158 |
Nari Raksha Samiti | (011) 23973949 |
RAHI Recovering and Healing from Incest. A support centre for women survivors of child sexual abuse | (011) 26238466/ 26224042, 26227647 |
महिलाओं से कोई नहीं छीन सकता ये अधिकार
हर महिला को कुछ Rights मिले हुए हैं। कोई भी ये अधिकार महिला से छीन नहीं सकता, जैसे वुमन अपने पार्टनर को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मना कर सकती है। इसी तरह कोई बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का अधिकार होता है। ऐसे मामले में लीगल सर्विस अथॉरिटी को महिला के लिए वकील की व्यवस्था करनी होती है। वहीं, किसी मामले में यदि महिला आरोपी है तो उसकी जो भी मेडिकल जांच की जाएगी, वह किसी महिला द्वारा ही की जाना चाहिए।
इसके अलावा पुश्तैनी संपत्ति पर भी महिला और पुरुष का बराबर का हक है। हाईकोर्ट एडवोकेट संजय मेहरा का कहना है कि ये अधिकार महिलाओं को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत मिला हुआ है। वर्क प्लेस पर यदि किसी महिला का यौन उत्पीड़न होता है तो वह यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकती है। आज हम महिलाओं से जुड़े ऐसे 6 राइट्स बताने जा रहे हैं, जो हर व्यक्ति को मालूम होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति महिलाओं को इन अधिकारों को लेने से रोक नहीं सकता।
महिला हेल्पलाइन नंबर (States – Wise Mahila helpline number)
राज्य | महिला हेल्पलाइन नंबर |
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आंध्र प्रदेश | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
अरुणाचल प्रदेश | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
असम | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
बिहार | महिला हेल्पलाइन नंबर: 18003456247 |
छत्तीसगढ़ | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
गोवा | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1091 |
गुजरात | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
हरियाणा | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1091, 181 |
हिमाचल प्रदेश | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
जम्मू और कश्मीर | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
झारखंड | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
कर्नाटक | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1091 |
केरल | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
मध्य प्रदेश | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
महाराष्ट्र | महिला हेल्पलाइन नंबर: 103, 1091, 1298 |
मणिपुर | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
मेघालय | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
मिजोरम | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
नागालैंड | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
ओडिशा | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
पंजाब | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
राजस्थान | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1090, 181 |
सिक्किम | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
तमिलनाडु | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
त्रिपुरा | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
उत्तराखंड | महिला हेल्पलाइन नंबर: 181 |
उत्तर प्रदेश | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1090, 181 |
पश्चिम बंगाल | महिला हेल्पलाइन नंबर: 1091, 181 |
NATIONAL COMMISSION FOR WOMEN ( DELHI )
सरकार द्वारा कई योजनाएं और भारत सरकार और रिपोर्टिंग तंत्र द्वारा कानून हैं।
1. कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत, महिला पीड़ितों को कानूनी सेवा प्राधिकरण से मुफ्त कानूनी सहायता या सहायता प्राप्त करने का अधिकार है, जिसे मदद के लिए वकील की व्यवस्था करनी है (केवल पीड़ित के लिए)।
2. महिलाओं को रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार है
3. महिलाओं को जीरो एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है: यानी न्याय क्षेत्र को छोड़कर किसी भी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करें
4. महिलाओं को पीछा किए जाने या कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार है।
5. महिलाओं के लिए सखी केंद्र – वन स्टॉप हेल्पलाइन सेंटर पर जाएं। देश भर में 500 से अधिक केंद्र। जहां चिकित्सा, कानूनी, मनो-सामाजिक सहायता और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाता है।
6. साइबर अपराध या ब्लैकमेलिंग के लिए आप Cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट कर सकते हैं
7. कार्यस्थल पर उत्पीड़न के लिए Shebox.nic.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं
महिला हेल्पलाइन नंबर (Women Helpline Number) – FAQ
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महिला हेल्पलाइन नंबर क्या है?
महिला हेल्पलाइन नंबर एक विशेष फोन नंबर होता है जिसे महिलाएं घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और अन्य उत्पीड़न जैसी विभिन्न समस्याओं से संबंधित सहायता और समर्थन प्राप्त करने के लिए कॉल कर सकती हैं।
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महिला हेल्पलाइन नंबर संचालित करने वाली संस्थाएं कौन हैं?
महिला हेल्पलाइन नंबर संचालित करने वाली संस्थाएं भारत सरकार के नेशनल कमीशन ऑन वीमेन (National Commission for Women) और राज्य सरकारों के महिला कल्याण विभागों होते हैं।
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महिला हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से कौन सी सहायता प्रदान की जा सकती है?
महिला हेल्पलाइन नंबर विभिन्न सेवाओं जैसे परामर्श, कानूनी सहायता, आपातकालीन रेस्क्यू और मेडिकल सहायता आदि प्रदान करता है। प्रशिक्षित विशेषज्ञों और स्वयंसेवक महिलाओं की मदद करने के लिए उपलब्ध होते हैं।
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महिला हेल्पलाइन नंबर क्या सभी भारतीय राज्यों में उपलब्ध है?
हां, महिला हेल्पलाइन नंबर सभी भारतीय राज्यों में उपलब्ध है। यह सेवा पूरे देश में उपलब्ध है और आप इसे किसी भी समय के दौरान उपयोग कर सकते हैं।
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महिला हेल्पलाइन नंबर का उपयोग किस समय किया जा सकता है?
महिला हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सेवा उपलब्ध कराता है और किसी भी समय उपयोग किया जा सकता है। किसी भी घटना की उपलब्धता पर आधारित यह सेवा संचालित की जाती है।
नोट: hindigyaani.in एक स्वतंत्र वेबसाइट है और सरकार से संबंधित नहीं है, साझा किए गए सभी नंबर केवल जागरूकता के लिए हैं और यह इंटरनेट पर सबसे एकीकृत पृष्ठ में से एक है जिसे कई गुना साझा किया गया है। हमने इस वेबसाइट को बनाने में अत्यधिक सावधानी बरती है, हालांकि संख्या या सटीकता के गैर-कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे क्योंकि यह बदलते रहते हैं और यह एक मानवीय पहल है। हम महिलाओं को उचित कानूनी सलाह लेने के लिए राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, सखी केंद्र या वकील से संपर्क करने की सलाह देते हैं। आपात स्थिति में पुलिस को फोन करें।